विश्व में लहराया चम्पारण के शिक्षक का परचम, साहित्य में किया नाम रौशन


बेतिया-चंपारण साहित्य की धरती है।समय-समय पर ऐसे अनेक लोग आते रहे, जिन्होंने अपनी लेखनी से चंपारण का नाम राज्य सहित पूरे देश में रौशन किया।कविवर गोपाल सिंह नेपाली हो या कोई और। ऐसे अनेक लेखक और कवि इस धरती पर आते रहे जिन्होंने अपनी कलम का लोहा पूरे देश को मानने पर मजबूर किया है। चंपारण की धरती को ऐसे साहित्यकारों पर हमेशा गर्व है।बीते दिनों विश्व हिंदी दिवस पर हुई प्रतियोगिता में चंपारण के एक साहित्यकार ने फिर से अपना परचम पूरे विश्व में लहराया और चंपारण वासियों को गर्व का अवसर दिया है।बता दें कि विश्व हिंदी सचिवालय द्वारा विश्व हिंदी दिवस 2018 के उपलक्ष्य में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हिंदी एकांकी प्रतियोगिता में चंपारण के साहित्यकार दिवाकर राय ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। बता दें कि यह प्रतियोगिता अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित थी,जिसमें दिवाकर राय ने अपनी एकांकी लिखकर प्रतियोगिता में भाग लिया था।

दिवाकर राय ने बताया कि उनकी एकांकी 'दो पाटन के बीच में' एक ऐसे युवक की कहानी है जो एक ओर अपने माता-पिता और दूसरी ओर अपनी पत्नी और बच्चों के बीच में पीस रहा है। इस उहापोह की स्थिति पर लिखे गए इस नाटक को पूरे विश्व में द्वितीय स्थान मिला। उन्होंने बताया कि इस उपलब्धि पर उन्हें दो सौ डॉलर का पुरस्कार भी मिलने वाला है।पुरस्कारों की घोषणा 10 जनवरी को विश्व हिंदी दिवस के मौके पर आयोजित समारोह में की गई। बताते चलें कि इस प्रतियोगिता को पांच भौगोलिक क्षेत्रों में बांटा गया था। भौगोलिक क्षेत्र 5 से हिंदी की एकांकी की अनेकों प्रविष्टियों में नई दिल्ली की वंदना चावला को प्रथम पुरस्कार, वहीं चंपारण के दिवाकर राय को द्वितीय पुरस्कार और महाराष्ट्र के डॉक्टर सुनील गुलाब सिंह जाधव को तृतीय पुरस्कार मिला।
 बता दें कि श्री राय वर्तमान में बैरिया प्रखंड स्थित मध्य विद्यालय मलकौली पटखौली में प्रधानाध्यापक के रूप में कार्यरत हैं और अन्य भी कई सामाजिक- साहित्यिक संगठनों से जुड़े हैं। इसके पूर्व में भी उनकी पुस्तक प्रकाशित हो चुकी हैं।बता दें कि उनके द्वारा लिखित पुस्तक राष्ट्र पुजारी को मंत्रिमंडल सचिवालय से पुरस्कार मिल चुका है। उन्होंने बताया कि उनके द्वारा लिखित एक पुस्तक निली आग का प्रकाशन मार्च में होने वाला है। दिवाकर राय की इस उपलब्धि पर चंपारण के अनेक साहित्यकारों ने बधाई दी है। आचार्य पं चतुर्भुज मिश्र ने बताया कि श्री राय की इस उपलब्धि से पूरा चंपारण का साहित्य जगत अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहा है। वही युवा कवि और साहित्यकार जगमोहन कुमार ने भी श्री राय को बधाई दी। बधाई देने वालों में डॉ परमेश्वर भक्त,गोरख मस्ताना,कृष्णमोहन हिन्दू,अरुण गोपाल,सुरेश गुप्त, व्रतराज दूबे विकल समेत कई साहित्यकारों का नाम शामिल है।

Comments

  1. बहुत बहुत बधाई राय जी को। हमे गर्व है कि हम चंपारण में रहते हैं।

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